Homeजख्मी दिल
जख्मी दिल
जख्मी दिल

जख्मी दिल

 
₹50
Product Description

प्रिय पाठकों नमस्कार इस साझा काव्य संकलन 'जख्मी दिल' जो की विरह वेदना पर आधारित हैं । साहित्य में श्रृंगार रस का एक हिस्सा है वियोग रस । इस संकलन के माध्यम से टूटे हुए दिल की दास्तां कविता के माध्यम से बताने का प्रयास किया है ।

इस संकलन में देशभर के लगभग 85 साहित्यकारों ने प्रतिभाग किया । जिन्होंने अपनी श्रेष्ठतम रचनाओं से इस संकलन को सुशोभित किया । सभी कलमकारों ने एक से बढ़कर एक रचना दी । इस अनुपम कार्य के लिए सभी साहित्यकार धन्यवाद के पात्र हैं ।

प्रेम में असफल प्रेमियों के दिल की दास्तां हैं । उनके मन का दुःख हैं जो इस कविताओं के माध्यम से कागज़ पर उतरा गया है । बस कहते कि कोशिश की शरीर पर लगे चोट के घाव भर जाते हैं मगर दिल के घाव कभी नहीं भरते हैं । वह नासूर बन कर दिन रात सताने लग जाते ।

दोस्तों इस दर्द की कोई दवा नहीं है । लाख छुपाने पर भी छुपता नहीं जग जाहिर हो जाता हैं । बस बातों बातों में आँसू छलक जाते हैं ।

दोस्तों शब्दों के घाव नहीं भरते हैं इसलिए शब्दों को तोल कर बोलना चाहिए । रिश्तों को बनाना जितना मुश्किल उनसे कई ज्यादा निभाना मुश्किल होता हैं । रिश्ते कच्चे धागे की तरह होते हैं । जो दिलो से जुड़े हुए होते हैं । दिल के भावों से सुसज्जित होते हैं ।

हमे प्रयास करना चाहिए कि हमारी वजह से किसी का दिल न टूटे । हमे सोच समझ कर बोलना चाहिए ताकि शाब्दिक प्रहार से किसी का दिल न टूटे । क्योंकि आप किसी के दिल बसे हैं तब तक उनके वास्तविक हीरो हैं । आप उनके सब कुछ हैं । उनके लिए आप देवता रूपी इंसान हैं । आपके लिए इंतजार करना, सजना - सँवरना, बातें करना व आपका ख़्याल रखना उनकी जिंदगी का हिस्सा है और जिस दिन दिल से निकल गए उस दिन उनके लिए आप हीरो से जीरो बन जाएंगे । कुछ ऐसा ही दर्द हमने इन कविताओं एवं गीतों के माध्यम बताने का प्रयास किया है । उन ग़मो को दर्शाने का प्रयास किया है ।

आशा करते हैं आपको यह संकलन जरूर पसंद आया होगा ।

Share

Secure Payments

Shipping in India

Great Value & Quality
Create your own online store for free.
Sign Up Now